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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 24

राहुल की बुदबुदाहट सुनकर लड़का झल्लाते हुए उठा और बोला- "क्या कहा तूने? और कब से देख रहा हूँ तुझे, दिदी को बार बार देख रहा है, तेरे घर मे मां बहन नही है क्या? तेरी तो"
अपना आपा खोते हुए लड़के ने टेबल से कोल्ड्रिंग की बोतल फेंककर राहुल को मारा और फिर कुछ नही मिलने पर अपना जुता उतार लिया।

"विनीत, क्या कर रहा तू, छोड़ उसे, छोड़" कहते हुए कृतिका अपने भाई का हाथ पकड़ने लगी।

"मैं नही छोडूंगा इसे, इसका मतलब ये रोज तुझे छेड़ता होगा, जब ये मेरी बहन को मेरे सामने छेड़ सकता है तो बाकी टाइम……" वो आगे भी ना जाने क्या क्या बोलता गया लेकिन मुझे बस इतना शुकुन मिला कि ये उसका भाई था, बॉयफ्रेंड नही, मन का सारा वहम दूर हो गया। और उस दिन पहली बार किसी लड़की के सगे संबंधी के हाथों जुते खाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

"अच्छा लेकिन जो तेरी नौकरी चली गयी थी उस दिन, तुझे बचाने के चक्कर मे दो जूते मुझे भी पड़े, उस लड़के से तो तुझे बचा लिया, लेकिन नौकरी से निकलने से नही बचा पाया" अविनाश ने कहा।

राहुल और अविनाश किचन में बातचीत में मग्न थे और पुरानी बातें याद कर करके।

"जो हुआ वो छोड़ो, लेकिन ये तो बताओ की उस दिन के बाद कभी आई क्या वो?" राहुल ने कहा।

"हम्म आयी थी, लेकिन पूरे दो महीने बाद, और एक बात बताऊं, तेरे बारे में पूछा भी था।" अविनाश ने कहा।

राहुल खुश होते हुए बोला- "अच्छा….  मेरे बारे में? क्या?"

"हां….तेरे बारे में, आते ही पहले तेरे बारे में पूछा उसके बाद आर्डर  दिया"  अविनाश बोला।

"क्या पूछा वो तो बता" कहते हुए राहुल अपना काम छोड़कर अविनाश के बगल में खड़ा हो गया, इतना उतावला होकर पूछ रहा था जैसे एक दो दिन पहले की बात हो, दो साल पुरानी बात थी।

"वो बोली की वो वाले भैया नजर नही आ रहे जिन्हें जुते पड़े थे" अविनाश ने कहा।

"मजाक मत कर यार, सच बता" राहुल ने निराश होते हुए कहा।

"कसम से यही कहा, लेकिन बाद में बोली कि वो कहीं मिले तो उन्हें सॉरी कहना।" अविनाश बोला।

"सॉरी….लेकिन सॉरी किसलिए" राहुल बोला।

"सेम सवाल मैंने किया और कहा कि राहुल भी तुमसे माफी मांगना चाहता था, और दो तीन दिन वो रेस्टोरेंट से निकाले जाने के बाद भी यहां आया सिर्फ माफी मांगने, तुम नही आई"

"फिर"

"फिर क्या? वो बोली कि वो जानती है उस वेटर की गलती नही थी, वो बेचारा तो एक महीने से चूंतक नही बोला, भाई ही जबरदस्ती रायता डाल रहा था था तब ये रायता फैला" अविनाश ने बताया।

"अच्छा फिर तूने बताया नही की मैंने उसे उसका बॉयफ्रेंड समझा था"  राहुल ने कहा।

"नही, इतना टाइम नही था मेरे पास, और भी टेबल देखने थे" अविनाश ने कहा और चावल फ़्राय करने लगा।

राहुल धनिये की गठरी बनाकर उसे बारीक बारीक काटने लगा।

"अब भी आती है क्या?" राहुल ने सवाल किया।

"नही, वो तो ऑस्ट्रेलिया चली गयी है, पढ़ाई का बीजा लगाकर, लेकिन तू क्यो अब पूछ रहा, तुझे तो भाई बोलती थी वो" अविनाश ने कहा।

"मुझे थोड़ी, तुझे बोली, एक महीने आर्डर लिया तब वो हमेशा सर बोलती थी और मैं मेम…. चल छोड़ अब, उसकी बात मत कर तू" राहुल बोला।

"मैं कहाँ कर रहा, तू कर रहा" अविनाश बोला।

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कुछ लोगो को शायद कभी चैंन नही मिलता, उन्ही में से एक है ये लोग, ये लोग मतलब अब भी कुछ गुंडे  रोशनी के घर के आसपास मंडरा रहे थे।

"" वो लड़की घर पर नही है, घर मे लॉक लगा है" एक आदमी बोला।

"वही रहो, जब तक वो आ नही जाती, अब उसे घर का ताला खोलने भी मत देना, जैसे ही घर के आसपास नजर आए मार देना उसे। विजय सर ने तीन दिन का टाइम दिया है, तीन दिन में उस लड़की के मौत की खबर उन तक पहुंचाना जरूरी है।" फोन से आवाज आई।

"एक बात बोलूं भाई, विनय सर अपने आप को बुरी तरह फसाने में लगे है, उन्हें लगता है कि जिन मंत्रियों के साथ उनकी जानपहचान है वो छुड़ा लेंगे उसे, लेकिन अदालत तक पहुंचने के बाद उन जैसे मंत्रियों को भी बचाना मुश्किल हो जाता है, और सर के खिलाफ तो सबूत भी बहुत सारे है, मुझे नही लगता……" आदमी ने कहा ही था कि फोन से आवाज आई- "चुप…. तुझे आम खानी है या गुठलियां गिनेगा, बस दूर से ही एक निशाना साध ली और फरार हो जा, पैसे तेरे अकॉउंट में आ जाएंगे फिर ऐश कर। विजय निकले ना निकले तुझे क्या! वैसे तेरी जानकारी के लिए बता दूं इतनी आसानी से विजय कैद में नही रह सकता। जल्द ही बाहर आ जायेगा।"


"ठीक है, मैं भी चाहता हूँ कि विजय सर आ जाये जेल से बाहर, लेकिन अमन?? वो कहाँ फरार हो गया?"आदमी बोला।

"तू उल्टे सीधे सवाल करके टाइम पास क्यो कर रहा है?….तुझे पता तो है कि दीपक के कत्ल के इल्जाम में अमन को पुलिस चप्पा चप्पा ढूंढ रही। उसका फरार रहना ही जरूरी है। एक बात और बताना है तुझे, ये जो आज तू रोशनी को मारेगा उसका इल्जाम भी अमन पर आएगा इसलिए तू टेंशन मत लेना पकड़े जाने की, जब तक प्राण ना छूट जाए छोड़ना मत उसे, और मारने के बाद मुझे फ़ोटो भेजना, ताकि में सबूत पेश कर सकूं की हमने अपना काम कर दिया है।"

"ठीक है, काम हो जाएगा" आदमी ने कहा।

******

अविनाश के घर पर डिनर की तैयारी हो चुकी थी, इस डिनर के दौरान सबकी बातें हुईं और आखिरकार राहुल ने रोशनी को मना ही लिया प्लास्टिक सर्जरी के लिये,
दूसरी तरफ पुलिस ने रोशनी के घर के थोड़ी दूर एक और आदमी को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया, क्योकि पुलिस को शक था कि दीपक के कत्ल के बाद रोशनी को मारने की साजिश भी विजय जरूर करेगा क्योकि उसकी दुश्मनी रोशनी से थी ये बात साफ जाहिर हो रही थी उसके गुस्से में दिए जाने वाले सभी बयानों से।

इंस्पेक्टर सुबोध और विक्की ने एक साथ इस केस को बारीकी से शोल्व करने का फैसला लिया और आज पकड़े गए आदमी से कडाई से पूछताछ की, उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसका नाम महेंद्र था और उसके फोन डिटेल्स को देखकर लास्ट कॉल पर नजर गढ़ाई तो वो नम्बर किसी अमित के नाम से लिया गया था जो महेंद्र के गिरफ्तार होते ही वो नम्बर आउट ऑफ सर्विस हो गया।

अब पुलिस को दो लोगो की तलाश थी एक तो अमन की और दूसरा अमित की। क्योकि दोनो विजय के आदमी थे।
विजय के खिलाफ इतने सबूत और गवाह इकठ्ठे होते जा रहे थे कि उसका बच पाना नामुमकिन हो गया, क्योकि इससे पहले भी उसका रिकॉर्ड खराब रहा है। तीन दिन तक पुलिस का सर्चिंग ओपरेशन जारी रहा , जिसमे दीपक की लाश को ढूंढा जा रहा था, लेकिन सफलता चौथे दिन मिली जब एक खाई में से लाश मिली। लाश के मिलते ही सनसनी फैल गयी, क्योकि लाश चार दिन बाद मिली थी। लगभग सड़ी हुई हालत में।

****

रोशनी के चेहरे की रोशनी लौट चुकी थी, लेकिन अब वो काफी बदल चुकी थी, राहुल ने याद किया दीपक के कमरे पर टकी उस तस्वीर को और अभी सामने बैठी हॉस्पिटल के सर्जिकल वार्ड में रोशनी को देखा, दोनो में बहुत ज्यादा फर्क था, ना जाने डॉक्टर ऐसा कमाल कैसे कर लेते है यही सोचकर राहुल मन ही मन डॉक्टर को सलामी दी रहा था तभी रोशनी बोली- "मेरा मोबाइल……मेरा मोबाइल कहाँ है?"

"सॉरी रोशनी, आज और कल तुम्हे शीशा और मोबाइल नही मिलेगा….ये डॉक्टर्स का कहना है" राहुल बोला।

"लेकिन क्यो??"

"मजाक…. मजाक कर रहा था, रुको थोड़ी, मैं लेकर आता हूँ, "  कहते हुए राहुल बाहर को चले गया।

"अपना ही दे देते…." रोशनी जोर से बोली।

राहुल अपना नही दे सकता था, क्योकि रोशनी दीपक के मोबाइल को पहचानती थी। रोशनी बैठे बैठे थक चुकी थी, एक चार घंटे लगातार लेट कर रहना उसके लिए मुश्किल था इसलिए वो उठ खड़ी हुई और बाहर की तरफ जाते हुए हॉल के पास ठहर गयी जहां अभी प्रतीक्षालय में बैठे लोग दीवार पर लगे एलसीडी पर न्यूज चलाकर बैठे थे।

"तीन दिन बाद मिली लाश, मुजरिम अमन का अब तक कोई पता नही लगा। जबकि राहुल की लाश एक खाई में मिली है, अभी पुलिस जांच कर रही है, लाश को दो गोली लगी है जो सीने में लगी है, अब तक पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से कोई तस्वीर सांझा नही की गई, लेकिन हम आपको दिखाते है कि राहुल कौन है और क्या स्टेटस है"
एक तस्वीर स्क्रीन पर दिख रही थी जो की दीपक की थी,

"एक और खास खबर…. इंस्पेक्टर का बयान मिल रहा है कि ये लाश वेटर राहुल की जैसी नही लग रही है, क्योकि उसके जेब मे किसी और कि आईडी है जो पूरी तरह भीग के खराब हो चुकी है" रिपोर्टर ने एक खास खबर देते हुए कहा।

ये खबर सुनकर रोशनी तो खुश हो रही थी क्योकि राहुल यानी दीपक उसके पास था। लेकिन उसके पीछे खड़ा राहुल अब परेशान हो गया, क्योकि लाश के जेब मे दीपक की आईडी होगी। और जब बारीकी से छानबीन होगी तो दीपक और राहुल दोनो की सच्चाई सामने आ जायेगी।

कहानी जारी है

कहानी जारी है


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2 Comments

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 05:59 PM

Behtarin part

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Adeeba Riyaz

18-Aug-2021 04:28 AM

Nice

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